Good Manners in Children: आजकल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक छोटा बच्चा केबीसी में जाकर अमिताभ बच्चन जी से बहुत रुखे अंदाज में बात करता है। यह देखकर हर कोई हैरान रह गया। असल में यह मामला सिर्फ एक शो का नहीं, बल्कि बच्चों में मैनर्स यानी शिष्टाचार की कमी का बड़ा उदाहरण है।
बच्चे जैसा घर से सीखते हैं, वही समाज में दिखाते हैं। अगर बच्चों को बचपन से अच्छे मैनर्स सिखाए जाएं, तो वे न सिर्फ समझदार बनते हैं बल्कि दूसरों की इज्जत करना भी सीखते हैं।
Good Manners in Children
बच्चों में मैनर्स की कमी क्यों दिख रही है?
आज के बच्चों में मैनर्स की कमी का सबसे बड़ा कारण है, parents की लापरवाही और “मॉडर्न” सोच का गलत मतलब निकालना। कई माता-पिता मानते हैं कि बच्चा अगर आत्मविश्वास से बात करता है, तो वह स्मार्ट है। लेकिन आत्मविश्वास और बदतमीजी में बहुत फर्क होता है।

जब बच्चा बड़ों से रुखे तरीके से बात करता है और parents हंसकर उसे नजरअंदाज करते हैं, तब वही बात उसके दिमाग में बैठ जाती है कि ऐसा करना गलत नहीं है। मैनर्स की कमी का मतलब है कि बच्चा दूसरों की भावनाओं को समझना नहीं सीख पा रहा। यही आदत आगे चलकर उसके रिश्तों, स्कूल लाइफ और कैरियर पर भी असर डाल सकती है।
बच्चों में अच्छे मैनर्स कैसे सिखाएं?
अच्छे मैनर्स सिखाने के लिए सबसे जरूरी है कि पैरेंट्स खुद रोल मॉडल बनें। बच्चे वही करते हैं जो वे अपने घर में देखते हैं। अगर पैरेंट्स बड़ों की इज्जत करते हैं, विनम्रता से बात करते हैं, तो बच्चा भी वैसा ही सीखेगा। छोटे-छोटे शब्द जैसे “थैंक यू”, “सॉरी”, “प्लीज़” और “एक्सक्यूज़ मी” बच्चों को रोजमर्रा की भाषा में सिखाना चाहिए।
जब बच्चा कुछ गलत करे तो डांटने के बजाय समझाना बेहतर होता है कि उसकी बात या हरकत से सामने वाले को कैसा महसूस हुआ। यही तरीका धीरे-धीरे बच्चों में सेंस ऑफ रेस्पेक्ट और इमोशनल इंटेलिजेंस पैदा करता है।
पैरेंटिंग की गलतियां जो मैनर्स बिगाड़ देती हैं
कई बार माता-पिता बच्चों की बदतमीजी पर हंस देते हैं या कहते हैं, “अरे बच्चा है, ऐसा तो बोलता ही रहेगा।” यही सोच आगे चलकर समस्या बन जाती है। बच्चों को बचपन से ही सीमाएं बताना जरूरी है। अगर बच्चा किसी से रुखे तरीके से बात करे, तो तुरंत और प्यार से उसे रोकना चाहिए।

पैरेंट्स को खुद यह समझना होगा कि “डिसिप्लिन” कोई सजा नहीं, बल्कि एक आदत है जो बच्चे के भविष्य को संवारती है। बिना डांट के भी बच्चा समझ सकता है कि क्या सही है और क्या गलत, बस जरूरत है समय देने और सही दिशा दिखाने की।
अच्छे मैनर्स से बच्चे का व्यक्तित्व कैसे निखरता है
अच्छे मैनर्स वाले बच्चे हमेशा सबका दिल जीत लेते हैं। वे स्कूल में टीचर्स के फेवरेट बनते हैं, दोस्तों के साथ मजबूत रिश्ता रखते हैं और आत्मविश्वास से भरे रहते हैं। जब बच्चा “रिस्पेक्ट” और “विनम्रता” को समझ जाता है, तो वह कभी ओवर कॉन्फिडेंट या रूड नहीं बनता। मैनर्स उसके अंदर एक पॉजिटिव एनर्जी भर देते हैं, जिससे वह हर जगह सफल हो सकता है चाहे वह स्टेज पर हो, स्कूल में हो या टीवी शो पर।
Disclaimer: इस आर्टिकल का उद्देश्य किसी व्यक्ति या शो की आलोचना करना नहीं है, बल्कि समाज को यह समझाना है कि बच्चों में मैनर्स सिखाना कितना जरूरी है। हर बच्चा अच्छा होता है, बस उसे सही दिशा दिखाने की जरूरत होती है। अगर पैरेंट्स बचपन से ही अपने बच्चों को विनम्रता, सम्मान और अनुशासन की सीख देंगे, तो भविष्य में वही बच्चे एक बेहतर इंसान बनकर समाज को बदल सकते हैं। यह लेख केवल जागरूकता और सकारात्मक पैरेंटिंग के लिए लिखा गया है।
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